राजनीतिराज्य

सुकमा रेपकांड : BJP के जांच दल ने बताई सच्चाई! कहा- छात्रावास में दुव्यर्वस्था, CCTV तक नहीं!

पांच सदस्यीय जांच समिति को छात्रावास में शासन प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास किया गया

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सुकमा जिले के एर्राबोर थाना अंतर्गत एक आवासीय कन्या विद्यालय में हुए सामूहिक दुष्कर्म (sukma rape case) मामले की जांच करने पहुंची भाजपा की पांच सदस्यीय जांच समिति को छात्रावास में शासन प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन ग्रामीणों व आदिवासियों के आक्रोश के चलते जांच समिति को छात्रावास में जाने की अनुमति दी गई।

बाद में समिति की संयोजक व विधायक रंजना साहू ने मीडिया से चर्चा के दौरान सभी अपराधियों, छात्रावास अधीक्षिका व सह अधीक्षिका पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। श्रीमती साहू ने इस घटना के लिए मंत्री कवासी लखमा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस मामले को दबाने में उनकी भी भूमिका है। अब छत्तीसगढ़ में यह अंधेरगर्दी नहीं चलेगी।

उल्लेखनीय है कि सुकमा जिले के एर्राबोर थाना अंतर्गत ग्राम पोटा केबिन के शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय में पहली कक्षा की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को गंभीरता से लिया है। भाजपा प्रदेश इकाई द्वारा इस घटना के तथ्यों व घटनाक्रम का विश्लेषण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए गठित जांच समिति बुधवार को एर्राबोर के ग्राम पोटाकेबिन स्थित आवासीय विद्यालय पहुंची। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू ने संयोजकत्व में गठित इस जांच समिति में भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व मंत्री लता उसेंडी, प्रदेश मंत्री ओजस्वी मंडावी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत एवं प्रदेश कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य सुधीर पांडे सम्मिलित हैं। जांच समिति के घटनास्थल पर पहुंचने पर शासन-प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों-आदिवासियों का आक्रोश फूट पड़ा। जमकर नारेबाजी के बीच प्रशासन ने पहले जांच समिति को छात्रावास में जाने से रोका, छात्रावास, वहां की तमाम व्यवस्थागत खामियों का मुआयना करने के बाद समिति ने घटना के तथ्यों पर चर्चा की।

जांच का तथ्यपरक विश्लेषण करने के बाद समिति की संयोजक और विधायक साहू ने मीडिया से कहा कि आदिवासी बालिका छात्रावास में पूरी तरह अव्यवस्था का आलम है। आखिर शासन-प्रशासन कर क्या रहा है? छात्रावास में 5 सीसीटीवी कैमरे होने का दावा किया जा रहा है लेकिन पूरे छात्रावास में एक भी कैमरा नहीं दिखा। यहां महिला होमगार्ड की ड्यूटी होनी चाहिए लेकिन अब तक यह व्यवस्था यहां नहीं कराई गई है। किसी भी जिम्मेदार महिला की रात्रिकालीन ड्यूटी इस छात्रावास में नहीं है। आदिवासी बालिका छात्रावास में आदिवासी अधीक्षिका पदस्थ होनी थी लेकिन ऐसी भी व्यवस्था यहां नहीं है। साहू ने कहा कि जिस तरह की घटना हुई है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी 15 दिन पूर्व ही दोरनापाल में भी 3 साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म की चर्चा करते हुए श्रीमती साहू ने तीखे लहजे में कहा कि इस प्रदेश सरकार की आंखों की शर्म मर चुकी है । इस सरकार से कोई उम्मीद रखना बेमानी है। ग्रामीणों और आदिवासियों को न्याय के लिए सड़क पर उतरना पड़ा है तो जाहिर है कि प्रदेश सरकार निकम्मी है और अब इसे बदलने का वक्त आ गया है।

जांच समिति संयोजक व विधायक साहू ने कहा कि घटना से जुड़े तमाम आरोपियों को जेल दाखिल किया जाए। अधीक्षिका व सह अधीक्षिका को निलंबित किया गया पर उनके खिलाफ एफआईआर अब तक क्यों नहीं हुई है? उन पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आरोपियों व अपराधियों को खुली छूट मिली तो ऐसे तत्वों को शह मिलेगी।

यह भी पढ़ें : TS सिंहदेव बोले, अमित शाह PM बन जाएं! तो अजय चंद्राकर ने कहा-पहले खुद CM बन जाएं

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×

Powered by WhatsApp Chat

×