यूपी। आप के वरिष्ठ नेता अनूप पांडेय (Senior aap leader anup pandey) ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में 40000 नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले युवाओं की जिंदगी खराब हो रही है। 3 साल से पढ़ रहे युवाओं का एग्जाम एक साल से भी नहीं हुआ है नर्सिंग घोटाले की सीबीआई जांच भी चल रही है नतीजा भी कुछ नहीं आया है। कहा, इसके पीछे कारण है कि केंद्र में मोदी की सरकार है इसलिए सीबीआई की जांच अधूरी है। कहा, ईडी और सीबीआई के जरिए विपक्ष को प्रताडि़त करने वाले मोदी में अगर नाम मात्र की शर्म बची है तो शिवराज सरकार पर कार्रवाई कराए। कहा, कर्नाटक में बीजेपी सरकार से भी ज्यादा मध्यप्रदेश की सरकार भ्रष्ट है। वहीं शिवराज हैं, जो बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शिवराज सिंह को आगामी चुनाव में वहां की जनता सबक सिखाएगी। जैसी हार कर्नाटक में बीजेपी की गति हुई वही शिवराज सिंह चौहान सरकार की होगी।
40 हजार नर्सिंग स्टूडेंट के भविष्य संकट में
बता दें, मध्यप्रदेश के 40 हजार नर्सिंग स्टूडेंट्स के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। नर्सिंग घोटाले का मामला हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में विचाराधीन है। 26 जुलाई को कोर्ट में सीबीआई रिपोर्ट पेश करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट निर्णय ले सकता है। लिहाजा, स्टूडेंट्स की नजर भी सीबीआई की रिपोर्ट पर टिकी है। हालत ये है कि जिन स्टूडेंट्स को अब तक डिग्री मिल जानी चाहिए थी, वे फर्स्ट ईयर की परीक्षा का ही इंतजार कर रहे हैं। जांच और नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी के बीच छात्र पिस रहे हैं। क्योंकि नर्सिंग कॉलेज खुलकर कहते हैं कि वे मानकों का पालन नहीं करेंगे, क्योंकि उनके पैसे तो अफसरों की जेब भरने में खत्म हो जाते हैं। ऐसे ही करीब 375 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई कर रही है।
कागजों में चल रहे थे नर्सिंग कालेजों ने लिए एडमिशन
असल में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों ने कागजों में खुद का यहां 100 या इससे ज्यादा बेड की जानकारी दी हुई थी। कोविड के समय अफसरों ने इनसे संपर्क करके मरीजों के लिए बेड मांगे। इसके बाद पोल खुल गई।जांच के दौरान अनियमितताएं सामने आने लगीं। फिर कोर्ट में भी याचिका लगाई गई। व्यापमं की तर्ज पर ही मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाला सामने आया। पता चला कि नर्सिंग काउंसिल की तरफ से ऐसे कॉलेजों को भी मान्यता दी गई, जो दूर-दूर तक मानकों को पूरा नहीं करते। कई कॉलेज एक मकान में या कुछ कमरों में संचालित थे, तो कई सिर्फ कागजों में चल रहे थे। हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपी। साथ ही, नर्सिंग परीक्षाओं पर भी रोक लगा दी। कोर्ट में राज्य सरकार, मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी और मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल परीक्षाओं पर रोक हटाने के ही पक्ष में रही। मगर, हाईकोर्ट का रुख सख्त रहा।