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छत्तीसगढ़। पीएससी की चयन परिणाम के बाद बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (BJP State Spokesperson Gaurishankar Shriwas) ने कवर्धा में हुए वनरक्षण भर्ती परीक्षा की दौड़ में धांधली किए जाने का बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा, जारी दौड़ परीक्षा की मेरिट में जिस एक अभ्यर्थी को बीजिंग ओलंपिक 2008 में खिलाड़ी बोल्ट के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया है।
सूची में दो अभ्यर्थियों ने 200mtr में 14.7 और 19.6 second में दौड़ पूरा करना दर्शाया गया है। ऐसे में गौरीशंकर श्रीवास ने एक बार पीएससी की चयन परिणाम के बाद वन रक्षण भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार की हद हो गई है। प्रदेश में किसी भी परीक्षा में पादर्शिता नहीं बरती जा रही है। सिर्फ होने वाली भर्तियों के माध्यम से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को एकमुश्त पीएससी की परीक्षा में क्वालिफाई कर दिया गया है। जिस पर हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबूत मांग रहे थे कि हम कार्रवाई करेंगे। इसकी शिकायत और आंदोलन के बावजूद गरीब परिवारों के बच्चे और बेरोजगारों को उनका हक दे पाने में भूपेश बघेल नाकाम साबित हो चुके है। एक तरफ भूपेश बघेल बेरोजगारी भत्ता बांट रहे हैं, और पर्दे के पीछे उनके करीबी नेता और अधिकारी सरकारी नौकरियों के नाम पर दलाली और भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिए हैं।
मैं पूछता हूं, भूपेश जी आपके अधिकारी मेरिट बनने में ओलंपिक दौड़ का रिकार्ड भी तोड़ चुके है
श्रीवास ने भूपेश बघेल सरकार पर सवाल दागते हुए कहा, भूपेश जी आपकी सरकार तो भ्रष्टाचार के दौड़ में ओलंपिक के सारे रिकार्ड तोड़ रही है। अब तो कम से कम विभागों की भर्ती परीक्षा को छोड़ दिए। कम से कम बेरोजगारों को भत्ता न लेना पड़े। इसलिए कृपा करके आप कुछ मत दीजिए। अगर देना है तो भर्तियों में पारर्दिशता कर दीजिए। इतना भर कर देंगे तो छत्तीसगढ़ धरती के बेटों में इतना दम है कि वे सरकारी नौकरी हासिल कर लेंगे। मैं पूछता हूं, क्या भूपेश जी आपके अधिकारियों की भूख इतनी हैं कि बेरोजगारों और गरीबों के निवालों और उनके हकों को छीनने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं। लीजिए कम से अब इसमें भी सबूत देना होगा। अपने भ्रष्ट अधिकारियों से आंकलन करवा लें। कहा, अब हमलोग शांत नहीं बैठेंगे, इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के युवा बेरोजगारों के बीच जाएंगे और आपकी सरकार की बहुरुपिया चरित्र को खोलेंगे। कहा, अगर थोड़ी भी शमर हया बची है तो कम से कम इसकी जांच कराके बेरोजगारों को उनका असली हक दीजिए। भत्ते को बांटकर अंदरखाने अपने करीबियों के साथ भ्रष्टाचार बंद करिए।