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बृजमोहन के अभेद किले में सेंधमारी के लिए राजकमल सिंहानिया पर कांग्रेस लगा सकती है दांव! इसके पीछे बड़ी सियासी वजह

कसडोल के पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया का नाम अचानक चर्चाओं में आ गया है

रायपुर। लोकसभा चुनाव का माहौल खत्म हो चुका है। ऐसे में पूरे प्रदेश में सिर्फ दो आगामी चुनाव नगरीय निकाय और रायपुर दक्षिण के विधानसभा उप चुनाव की चर्चा है। जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा रणनीति भी बनने में जुटी है। एेसे में कांग्रेस संगठन की तैयारी है कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी शिकस्त के बाद अब नगरीय निकाय और विधानसभा के उपचुनाव में कम से कम जीत हासिल किया जाए। इसके लिए कांग्रेस अपने संगठन के बिखरे हुए कुनबे को एकजूट करने की कोशिश है। लेकिन इस वक्त कांग्रेस के लिए रायपुर दक्षिण में आगामी विधानसभा उपचुनाव केंद्र बिंदु में है। इसके मद्देनजर कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है। इधर कांग्रेस संगठन के अंदर चर्चा है कि किसे रायपुर दक्षिण से उम्मीदवार बनाया जाय। बहरहाल, अभी नाम तो तय नहीं है। लेकिन तमाम दावेदारों के बीच कांग्रेस से वरिष्ठ नेता और कसडोल के पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया का नाम अचानक चर्चाओं में आ गया है। क्योंकि कांग्रेस रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर देने के लिए मंथन करने में जुटी है। इस बार कांग्रेस ऐसे ही किसी बड़ी नाम को लेकर आने के विचार कर रही है। राजकमल सिंहानिया का नाम रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से आने के पीछे सियासी पंडित तर्क भी दे रहे हैं।

  • बहरहाल, इन चर्चाओं को अगर छोड़ भी दें तो पूर्व विधायक राजकमल सिंहानिया (Former MLA Rajkamal Singhania) का दावेदारों की कतार में सबसे मजबूत माना जा सकता है। क्योंकि 1993 में बृजमोहन अग्रवाल से 9 हजार वोटों से राजकमल सिंहानिया हार गए थे, जो अभी तक जितने भी कांग्रेस के प्रत्याशी बृजमोहन से हारे हैं, उनमें सबसे कम वोटों से शिकस्त पाने वालों में राजकमल सिंहानिया ही रहे हैं। ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि राजकमल सिंहानिया को कांग्रेस से टिकट दिया जा सकता है। चर्चा में अचानक इनका नाम सामने से यह माना जा रहा है कि कहीं न कहीं संगठन में इनके नाम पर भी विचार चल रहा है।

–राजकमल सिंहानिया इसके बाद कसडोल से विधायक रहे हैं, इनकी पकड़ रायपुर दक्षिण में अच्छी

बताया जा रहा है कि राजकमल सिंहानिया की पकड़ रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर अच्छी खासी है। इनके कार्यकर्ताओं की पकड़ के साथ-साथ अपने समुदाय में भी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा उनके सरल स्वभाव और मिलनसार व्यक्तिव के चलते लोगों का जुड़ाव राजकमल सिंहानिया से है। इनके पास राजनीति का एक लंबा-चौड़ा अनुभव भी है, इसके साथ-साथ राजकमल सिंहानिया की पूर्व में चुनाव के दौरान खड़ी की हुई टीम आज भी है। ऐसे में राजकलम सिंहानिया पर कांग्रेस का दांव सही साबित हो सकता है। जहां तक हार जीत का सवाल है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तो तय है कि राजकमल सिंहानिया रायपुर दक्षिण में भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इस बार बृजमोहन अग्रवाल, राजकमल सिंघानिया के सामने नहीं होंगे, ऐसे में चुनाव दिलचस्प होना तय है ।

 

 

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