- कांग्रेस शासन में पत्रकारों के साथ हुए अन्याय की जांच की मांग की
- भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग ने आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर उन्हें पत्रकारों पर कांग्रेस के शासनकाल में हुए अन्याय की जांच करने हेतु पत्र सौंपा।
छत्तीसगढ़। भूपेश राज में मीडिया खिलाफ अघोषित रुप से आपातकाल लागू था। पूरे 5 साल तक पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमें लादे जा रहे थे। क्योंकि श्रमजीवी पत्रकार और हालातों से कभी समझौता नहीं करने वाले पत्रकारों का समूह भूपेश सरकार के निशाने पर थे। एक प्रताडि़त पत्रकार ने बताया, इसी सबसे बड़ी वजह थी, मात्र खबर। ऐसे में सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में काम करने वाले पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमे (Fake cases against journalist) करवाने के लिए भूपेश बघेल के करीबियों का एक सिंडिकेट सक्रिय था। वह वहीं सिंडिकेट था, जो आज ईडी के मनी लांड्रिंग और कोयला घोटाले के आरोपी हैं। इसके अलावा कांग्रेस के तत्कालीन कुछ विधायक और कांग्रेस संगठन के नेताओं ने भी खबर के बहाने फर्जी मुकदमें भी कराने से बाज नहीं आए। झूठी और मनगढ़त मामले बनाकर पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें कराए गए। प्रताडि़त पत्रकारों में बीजेपी की विष्णुदेव सरकार के फैसले से न्याय की आस जगी है।
- गौरतलब है कि इस काम में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के दौरान कई पुलिस अफसर और थाना प्रभारियों की टीम थी, जो फर्जी मुकदमें थाेपने के मास्टर माइंड माने जाते थे। हो सकता है कि भविष्य में ऐसे अफसरों पर भी कार्रवाई की जाए। जिन्होंने फर्जी मुकदमे थोपने के लिए पत्रकारों को डरा धमाकर झूठे बयान पर हस्ताक्षर कराने से भी बाज नहीं आए। हस्ताक्षर नहीं करने से परिवार के सदस्यों को भी फंसाने की धमकियां दी जाती थी। हालात ऐसे हो गए थे, उन्हें छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता नहीं करने की भी हिदायत दी जाती थी। साथ ही भूपेश सरकार ने ऐसे पत्रकारों को बड़ी मीडिया समूह में नौकरी के लिए अघोषित रूप से बैन कर दिया गया था। इसके बावजूद आज भी प्रताडि़त पत्रकार सोशल मिडिया या वेबपोर्टल के माध्यम से जनहित से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। इस बड़ी पहल से पत्रकारों में बीजेपी और मोदी की गारंटी पर पूरा विश्चास है। उन्हें न्याय मिलेगा, ताकि कांग्रेस के काले अध्याय की असली सच्चाई जनता भी जान सके।
भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग का प्रतिनिधिमंडल की बड़ी पहल पर मिडिया जगत के पत्रकारों में खुशी का माहौल
प्रतिनिधिमंडल ने कहा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में पिछले 5 वर्ष अभिव्यक्ति की आजादी की दृष्टि से भयावह रहे हैं। पत्रकारों की प्रताड़ना, महज समाचार प्रसारित/प्रकाशित करने में कारण उन पर लगाये जाते झूठे मुकदमों आदि ने नागरिक के मौलिक अधिकार पर गंभीर कुठाराघात किया। अनेक ऐसे पत्रकार हैं जो नाहक मुकदमों आदि का सामना कर रहे हैं। अनेक के साथ अन्य तरह से उनके सम्मान को ठेस पहुंचाया गया है। कई ऐसे लोगों के साथ मारपीट हुई, बेवजह उन्हें जेल में ठूंसा गया। हर तरह से पत्रकारों की आवाज दबाने दमनकारी रवैया अपनाया गया। कथित पत्रकार सुरक्षा कानून की धज्जियां उड़ायी गयी।
ऐसे में अब इन्हें न्याय दिलाना अत्यावश्यक है। अत: आपसे निवेदन है कि ऐसे सभी मामलो की निष्पक्ष जांच करा कर पत्रकारों को न्याय दिलाने की कृपा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी,सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ,प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा,रसिक परमार.शामिल रहे। इस अवसर पर विशेष रूप से मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा ,आलोक सिंह माजूद रहे।
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