रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नजदीक आने बाद एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी तल्खी सार्वजनिक रूप से सबके सामने आ गई है। ऐसे में उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (Deputy Chief Minister TS Singhdev) ने अपने विरोधियों पर निशाना साधा है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि, एक सीमा के बाहर विरोध स्वीकार नहीं करेंगे। छत्तीसगढ़ में किसी ने मुझ पर जान के खतरे का आरोप लगाया। वहां पर समझौता नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि आगे क्या होगा, लोग जानें, पार्टी जानें, लेकिन मेरी तरफ से समझौता नहीं होगा। डिप्टी सीएम सिंहदेव रविवार को बलरामपुर जिले के दौरे पर थे। राजपुर में हुए भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पहुंचे डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि, मुझे जितना गरियाना हो, गरिया लो, लेकिन महाराज साहब और महारानी साहिबा को सार्वजनिक मंच से कोई कुछ बोलेगा तो समझौता नहीं हो सकता है। व्यक्तिगत तौर पर मेरे बारे में कई लोगों ने बहुत कुछ किया, लेकिन मैंने कभी उसे राजनीतिक क्षेत्र में नहीं आने दिया। लेकिन छत्तीसगढ़ में सीमा पार कर किसी ने मेरे ऊपर जान के खतरे का आरोप लगाया। वहां समझौता नहीं हो सकता।
डिप्टी सीएम ने सामरी विधायक चिंतामणि महाराज को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की
डिप्टी सीएम ने सामरी विधायक चिंतामणि महाराज को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की। सिंहदेव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद जब राजनैतिक परिस्थितियां बदली तो लोगों के व्यवहार में बदलाव नजर आया। मेरी ओर से दोनों दरवाजे खुले थे, लेकिन एक दरवाजा चिंतामणि महाराज ने खुद बंद कर लिया था। बीच में तो दुआ सलाम होना भी बंद हो गई थी। वे मुझसे दूरी बनाकर रखना चाहते थे, अब फिर से दुआ सलाम का दौर शुरू हुआ है।
लुंड्रा में विरोध था, इसलिए सामरी से टिकट दिया
टीएस सिंहदेव ने कहा कि, 2018 में लुंड्रा के लोगों ने चिंतामणि का विरोध कर दिया। हम लुंड्रा सीट हार जाते इसलिए सामरी के विधायक डा. प्रीतम राम को लुंड्रा और महाराज को सामरी से टिकट दिया गया। पार्टी संगठन इससे सहमत नहीं था। दोनों विधायकों का पिछला आंकड़ा बेहतर था। पिछले चुनाव में वे भारी मतों से जीते थे। मैंने अपने लोगों को समझाया और जवाबदारी ली थी कि उनका काम होगा। कार्यकर्ताओं ने मेहनत कर चुनाव जिताया, लेकिन सामरी में इतनी परेशानी होगी इसका अंदाजा नहीं था।
विधायक बृहस्पति सिंह ने लगाए थे सिंहदेव पर आरोप
दरअसल, दो साल पहले 25 जुलाई को अंबिकापुर में बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमला हुआ था। इस दौरान साथ आए वाहन में तोड़फोड़ की गई थी। इस संबंध में जहां पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। वहीं बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया था कि टीएस सिंहदेव के इशारे पर हमला किया गया। उन्होंने सिंहदेव से अपनी जान का खतरा भी बताया था। मामला विधानसभा तक भी पहुंचा और बाद में बृहस्पति सिंह को माफी मांगनी पड़ी थी।
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