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- कहा छत्तीसगढ़ महतारी के एक हाथ में संस्कृति का कलश, एक हाथ में तकनीक, यह आपकी भी तस्वीर
- छत्तीसगढ़ का नेतृत्व सेवाभावी, आपके आज और कल दोनों को बुलंद बनाने कर रहा काम
- महिलाओं को सशक्त बनाने छत्तीसगढ़ सरकार ने बनाई अनेक योजनाएं
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन केंद्रों को संवारने छत्तीसगढ़ महतारी सांस्कृतिक संवर्धन योजना लागू करने की घोषणा की
- हमारी सरकार ने सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाई योजनाएं, इसका पूरा लाभ महिलाओं को- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
- छत्तीसगढ़ में महिला-पुरुष भागीदारी से करते हैं हर काम, हमेशा से रहा महिलाओं का सम्मान
भिलाई। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं के लिए जितनी भी योजनाएं लाई हैं। ये ध्यान में रखकर लाई हैं कि वे इस देश की व्यवस्था की रीढ़ है। वे समाज का, परिवार का पूरा बोझ उठाती हैं। मुख्यमंत्री जी खुद अपने संबोधन में कह रहे थे कि घर परिवार दोनों की जिम्मेदारी आप निभा रही हैं। मैं जानती हूँ कि जो रात को आखिर में सोती हैं वो महिला हैं। जो हमारी संस्कृति है, हमारी अगली पीढ़ी का भविष्य महिलाएं बनाती हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी गई राहत से महंगाई से निपटने में महिलाओं को मिली मदद गांधी ने कहा कि आप सभी को सशक्त बनाने के लिए भूपेश बघेल जी की सरकार ने अनेक योजनाएं बनाईं। 10 लाख से अधिक महिलाएं समूहों से जुड़ी। कुछ समूह ऐसे हैं जिन्होंने लाखों रुपए कमाये हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का मानदेय भी उन्होंने बढ़ाया। मितानिन बहनों का भी मानदेय बढ़ाया। दाई दीदी क्लिनिक आरंभ किया। निःशुल्क इलाज हो रहा है। महतारी जतन योजना एक ऐसी योजना है जिससे गर्भवती माताओं को अच्छा भोजन मिल रहा है। सरकारी स्कूलों में महिलाओं को मुफ्त शिक्षा दिलाई। महिला स्वसहायता समूहों में करोड़ों के ऋण माफ किये गये। मुख्यमंत्री नोनी सहायता योजना से मदद दी गई। मिशन क्लीन सिटी परियोजना के तहत हजारों महिलाएं कार्यरत हुईं। ऐसी कई योजनाएं प्रदेश सरकार ने मेरी बहनों के लिए लागू की।
भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के समाज में हमेशा महिलाओं को सम्मान मिला
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के समाज में हमेशा महिलाओं को सम्मान मिला है। लैंगिक अनुपात के मामले में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य रहा है। पुरुषों और महिलाओं के बराबरी के सहयोग से यहां सभी काम होते हैं। महिलाएं तो घर भी देखती हैं और बाहर भी काम करती हैं। हमने सभी वर्गों के लिए योजनाएं बनाईं। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया। मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका का मानदेय बढ़ाया। कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की। स्वसहायता समूहों की कर्ज की सीमा बढ़ाई। उनका कर्ज भी हमने माफ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी प्रियंका जी ने स्टाल में देखा कि किस तरह से काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है। बीपीओ खोले गये हैं। गारमेंट फैक्ट्री खोली गई है। कैसे आर्थिक संपन्नता आये, इस बात का प्रयास हम करते हैं। हमने तीज त्योहारों और अन्य स्थानीय त्योहारों पर अवकाश आरंभ किया। मुख्यमंत्री निवास में तीज त्योहार मनाया। बोरे बासी को सम्मान देने का काम हमने किया। हमारे खानपान की परंपराओं का सम्मान हमने किया। छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति कलेक्ट्रेट में लगाई। राजगीत को अपनाया। चाहे माडल जैतखंभ बनाने का काम हो, कृष्ण कुंज बनाने का काम हो। राम वनगमन परिपथ बनाने का काम हो। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संवारने का काम हमने किया है।
इन्होंने ने भी जनसभा को संबोधित किया
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद दीपक बैज ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव डहरिया, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक श्री अरुण वोरा, विधायक देवेंद्र यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
भिलाई में आकर बहुत गौरव महसूस होता है- श्रीमती गांधी ने कहा कि आज यहां आकर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। ये भिलाई है। 1955 में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने यहां स्टील प्लांट की नींव डाली। आज जो भिलाई है वो इस पूरे देश के लिए मिसाल है। पूरे देश भर से यहां लोग आते हैं। एकजुट होकर आप यहां रहते हैं। आधुनिक भारत की नींव यहीं पर डली। पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ ऐसे महापुरुष थे जो आजादी के लिए लड़े। उन्हीं के उसूलों से यह देश लड़ा। यह ऐसी राजनीति है जिसमें नेता वर्तमान को भी मजबूत बनाते हैं और भविष्य को भी देखते हैं।
अमेठी में पिता के साथ किए दौरे का संस्मरण सुनाया
अमेठी में पिता के साथ किए दौरे का संस्मरण सुनाया- श्रीमती गांधी ने कहा कि जब मैं छोटी थी तब मैं अपने पिता जी के साथ अमेठी के दौरे पर गई थी। वे खुद जीप चलाते गये। एक गांव में हम उतरे, कुछ लोगों से बातचीत करने लगे। एक महिला उन्हें जोरजोर से डांटने लगी। मुझे लगा कि मेरे पिता को कैसे डांट रही हैं। उसने कहा कि सड़क खराब है तुमने क्या किया है। मेरे पिता जी ने उनकी बात शांति से सुनी और कहा कि सब ठीक करेंगे। यह उस समय की राजनीति है कि प्रधानमंत्री को तक एहसास होता था कि जनता के प्रति उसकी जिम्मेदारी है। मैंने अपने पिता से पूछा कि बुरा नहीं लगा। मेरे पिता ने कहा कि नहीं उसका कर्तव्य मुझे ध्यान दिलाने का था और मेरा भी कर्तव्य है कि मैं उनकी समस्याओं को दूर करने काम करूँ।
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