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सियासत : CM पद के लिए ‘कुर्मी समाज’ के बड़े नेता ‘अजय चंद्राकर’ का नाम भी दौड़ में

मंत्री अजय चंद्राकर नाम पर सीएम पद के लिए सहमति बनती नजर आ रही है

छत्तीसगढ़। विधानसभा के चुनाव में मोदी की गारंटी पर सवार बीजेपी को प्रचंड बहुमत हासिल हो चुका है। ऐसे में इधर बीच मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में मंथन का दौर जारी है। कल से ही प्रधानमंत्री पीएम मोदी के साथ बीजेपी के दिग्गजों के नामों पर विचार विमर्श चल रहा है। सभी नामों की चर्चाओं के बीच सूत्र के हवाले से बड़ी खबर आ रही है कि बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर (Former minister Ajay Chandrakar) नाम पर सीएम पद के लिए सहमति बनती नजर आ रही है। क्योंकि कुरुद से विधायक अजय चंद्राकार को सीएम बनाकर कुर्मी समाज को साधने की कोशिश में है। सीएम पद के लिए अभी तक नाम फाइनल नहीं होने के पीछे प्रमुख कारण है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातीय स्मीकरण भी है। यही वजह है कि कुर्मी समाज के बड़े नेता के तौर पर बीजेपी अजय चंद्रकार को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने की तैयारी में है। क्योंकि अजय चंद्राकर जमीन से जुड़े नेता हैं और पूरे प्रदेश में इनकी कुर्मी समाज में अच्छी पैठ है। ये अपने तीखे सवालों और बयानबाजी के कारण भी काफी लोकप्रिय हैं।

कांग्रेस को हर मुद्दे पर अजय चंद्राकार ने घेरा

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पूरे 5 साल तक कांग्रेस को हर मुद्दे पर घेरा। उन्होंने गौठान से लेकर कांग्रेस के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार के हर एक मुद्दे पर घेरा। वे सार्वजनिक मंच से लेकर सोशल मीडिया में भी काफी सक्रिय थे। उनके ज्वलंत सवालों से कांग्रेस में खलबली मच जाती थी। उनके तीखे सवालाें के आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी असहज महसूस करते थे।

जानिए राजनीतिक सफर

भाजपा ने कुरुद विधानसभा से छठवीं बार पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर विधायक बने हैं। 2008 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी लेखराम साहू ने पराजित किया था। चंद्राकर का पैतृक गांव अर्जुन्दा है पर उनका परिवार कुरूद में ही रहता है। अजय चंद्राकर ने बिलासपुर के एसबीआर कॉलेज व रायपुर के दुर्गा कॉलेज से अपनी पढ़ाई की। वे छतीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष, पंचायत, स्वास्थ्य, संसदीय कार्य मंत्री, स्कूल शिक्षा, तकनीकी व उच्च शिक्षा, संस्कृति व पर्यटन एवं गृह जेल मंत्री रहे हैं।

अजय चंद्राकर 1998 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। उसके बाद 2003, 2013 और 2018 में चौथी बार विधायक चुने गए. 2008 में अजय चंद्राकर को कांग्रेस प्रत्याशी लेखराम साहू ने पराजित किया था. अजय चंद्राकर प्रदेश प्रतिनिधि व पूर्व जिला मंत्री भाजपा रह चुके हैं. वह भाजपा विधायक दल के भाजपा सचेतक रहे हैं. वे सदस्य भाजपा कार्यसमिति रहे हैं. वह प्रदेश उपाध्यक्ष जुलाई 2010 से भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ रहे हैं। अप्रैल 2013 में प्रदेश प्रवक्ता बने थे

बीजेपी के तीनों सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर मंत्री रहे

2003 से 2008 तक वे मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, जनशक्ति नियोजन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्कूल शिक्षा संसदीय कार्य मंत्री रहे हैं. जुलाई 2011 से 31 मार्च 2013 तक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग और 2013 में वे मंत्री छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संस्कृति, पर्यटन एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे. 2014 में वे छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ के अध्यक्ष रहे. 2015 में वे मंत्री छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा बने. फरवरी से अप्रैल 2016 तक वे मंत्री छत्तीसगढ़ शासन गृह जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त प्रभार में भी रहे.

2019 से 2020 तक वे विशेष आमंत्रित सदस्य कार्य मंत्रणा समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे. 2019 से 21 तक वे सभापति लोक लेखा समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे. वे सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति एवं सामान्य प्रयोजन समिति, छत्तीसगढ़ विधानसभा भी रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के अजय चंद्राकर को 72922 (42.27%) वोट मिले थे, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी नीलम चन्द्राकर को 60605 (35.13%) वोट मिले. वहीं कांग्रेस के लक्ष्मीकांत साहू को 26483 (15.35%) वोट मिले थे। जबकि इस 2023 के विधानसभा के चुनाव में उन्होंने इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर फिर छठवीं बार विधायक बने।

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