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सूदखोर ‘तोमर बंधुओं’ की काली कमाई! पढ़ें, इनके ‘गोरखधंधे’ की दास्तां

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तोमर बंधुओं ने कई बैंकों को लगाया चूना

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तोमर बंधुओं (Tomar brothers) ने कई बैंकों को लगाया चूना वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर ने बैंक के मैनेजर को अपने झांसे में लेकर बड़ी-बड़ी गाड़ियां फाइनेंस करवाते थे और आरटीओ की मिली भगत से उन गाड़ियों को नेपाल बिहार में ले जाकर बेच देते थे। और उस पैसे को ब्याज और सुदखोरी में लगाकर करोड़ों रुपए बनाए भाटा गांव के साई जिला कॉलोनी में करोड़ों का महल तान दिया तोमर बंधुओ ने मकान को जिन ठेकेदारों से बनवाया किसी भी ठेकेदार को पूरा पैसा नहीं दिया चाहे बिजली का काम किया हो टाइल्स का काम किया हो किसी भी व्यापारी को इन तोमर बंधुओ ने पैसा नहीं दिया। जब भी पैसा देने की बारी आती उनसे झगड़ा कर लेते थे उनके साथ मारपीट कर लिया विरेंद्र तोमर और रोहित का पुरानी बस्ती थाना में जबरदस्त सेटिंग रहती थी उनके रसूख के सामने कोई भी व्यापारी थाने नहीं जाता अगर थाने जाता था तो पुलिस वाले कई तरह का सवाल करते पक्का बिल मकान बानने का वर्क ऑर्डर या एग्रीमेंट लाओ तमाम तरह की बातें करके डाट डपट कर भगा दिया करते थे भोले भाले छत्तीसगढ़िया लोग या तो अपना पैसा छोड़ देते थे या थक हार कर भूल जाते थे।

  • एक बैंककर्मी ने नाम न उजागर करने पर पूरी जानकारी politics तक को दी कहा वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर फर्जी आईडी प्रूफ और आइडेंटी कार्ड के सहारे बैंक से लोन प्राप्त करते थे और आरटीओ में लंबी सेटिंग करके उन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते थे और सोल्ड गाड़ी को बिहार और नेपाल में आधे दाम में बेच देते थे सुंदर नगर में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स यूको बैंक पंजाब नेशनल बैंक और कई प्राइवेट बैंकों में बैंक मैनेजर से लंबी सेटिंग करके घटना का अंजाम देते थे एक बैंक मैनेजर वीरेंद्र रोहित तोमर के झांसे में आकर एक बड़ी गाड़ी 40 लाख का फाइनेंस कर दिया उसे मैनेजर को यह पता नहीं था कि तोमर बंधु बहुत बड़े फ्रॉड हैं जब गाड़ी बाहर बिक गई और एड्रेस आईडी प्रूफ पर कोई नहीं मिला। तो बैंक मैनेजर की नौकरी खतरे में आ गई आज वह बैंक मैनेजर अपनी सैलरी के पैसे से उसे गाड़ी का किस्त भर रहा है ।

वह यह मानकर चल रहा है कि उसका 40 लाख रुपया किसी ने चोरी कर लिया और वह अपनी नौकरी बचाने की कवायत में जुटा हुआ है क्योंकि सरकारी नौकरी आसानी से नहीं मिलती पूरा जीवन पड़ा हुआ है। इसलिए मजबूरी में वह गाड़ी का किस्त भर रहा है इन दिनों उसे बैंक मैनेजर का ट्रांसफर मुंबई में हो गया है और वह अब रायपुर में नहीं रह रहा है लेकिन तोमर बंधुओ की करनी का फल वह भोग रहा है ऐसे ही पूरे छत्तीसगढ़ में कई बैंकों में कई करोड़ का चुनाव वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर ने लगाया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उनके रसूक और पुलिस की कमजोरी के कारण यह पूरी तरह से बचे हुए हैं।।

तोमर बंधु अपनी छवि सुधारने के लिए राजनेताओं का उपयोग करना शुरू किया

तोमर बंधुओं ने जब जमकर पैसा कमा लिया तो लोगों के बीच में शरीफ बनने के लिए और अपनी छवि सुधारने के लिए रायपुर के चारों विधायकों का पोस्टर बैनर लगाकर अपनी बड़ी-बड़ी फोटो बैनर से पूरे शहर को पाट दिया लोगों के बीच अपनी छवि यह बताने की कोशिश किया हम बहुत शरीफ और पहुंच वाले हैं और रायपुर दक्षिण, के विधायक बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम विधायक, राजेश मूरत, रायपुर उत्तर विधायक, पुरंदर मिश्रा, रायपुर ग्रामीण विधायक, मोतीलाल साहू ,सभी विधायकों का पोस्टर लगाकर पूरे प्रदेश में यह बताने की कोशिश किया कि हमारी राजनीतिक पकड़ बहुत अच्छी है।

लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बात जब पश्चिम विधानसभा के विधायक राजेश मूरत को लगी तो उन्होंने तोमर बांधों को जमकर खरी-खोटी सुनाया विधायक राजेश मूरत ने कहा मेरे बिना परमिशन के तुमने पूरे शहर में मेरे साथ अपना पोस्ट क्यों लगाया। क्योंकि राजेश मूरत को इनकी असलियत सबसे ज्यादा पता है हालांकि इनकी असलियत तो पूरा प्रदेश जानता है लेकिन राजेश मूरत एक जागरूक विधायक के कारण तोमर बांधों को जमकर क्लास ली कहा तुम दोनों भाई फ्रॉड हो निगरानी बदमाश हो बिना मेरे परमिशन के मेरे साथ पोस्टर बैनर कैसे लगा दिया। आनन फानन में दोनों भाइयों ने पूरे प्रदेश से और शहर से राजेश मूणत के साथ लगी तमाम पोस्ट को उतार दिया। वैसे सभी को पता है तोमर बंधु मूलत कांग्रेसी हैं। पिछली सरकार में कांग्रेस का जमकर समर्थन किया था और पूर्वमंत्री अमरजीत भगत, पूर्वमंत्री शिव डहरिया तमाम मंत्रियों के अच्छे संबंध हैं। लेकिन सरकार बदलते ही दोनों भाइयों ने पार्टी बदल दी निश्चित तौर पर यह फ्रॉड है जहां इनको सुरक्षा मिलेगी उसे करवट बदल जाते हैं..।

तोमर बंधुओं ने धर्म गुरुओं को भी ठगने में कोई कसर नहीं छोड़ा

वीरेंद्र तोमर रोहित तोमर ने पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज को भी नहीं छोड़ा उनको भी अपने झांसे में लेकर अपने घर बुलाया कॉलोनी वासियों के बीच में यह छवि बनाने की कोशिश की। पैसे में बहुत ताकत होती है। हम चाहे जिसको अपने घर बुला सकते हैं शंकराचार्य जी को इन दोनों फ्रॉड भाइयों ने ठगा हालांकि धर्म कर्म को लेकर पॉलिटिक्स तक न्यूज़ कोई टिप्पणी नहीं करता लेकिन दुनिया को सच्चाई पता होना चाहिए..।

 

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