राजनीतिराज्य

दिल्ली में चढ़ा छत्तीसगढ़ का सियासी पारा! भूपेश ने ED की ‘कार्रवाई’ पर मोदी सरकार को घेरा तो… संबित पात्रा ने भी किया पलटवार!

महादेव एप सट्टे को लेकर ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के राजनीतिक सलाहकार और ओएसडी के घर छापे की कार्रवाई

नई दिल्ली। महादेव एप सट्टे को लेकर ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के राजनीतिक सलाहकार और ओएसडी के घर छापे की कार्रवाई की। इस पर आज पूरे दिन सियासी पारा अपने चरम पर पहुंच गया है। सीएम के राजनीतिक सहलाहकार विनोद वर्मा ने ईडी की कार्रवाई को लेकर आज प्रेस कांफ्रेस कर ईडी पर सवाल खड़े किए साथ ही बीजेपी पर निशाना साधा। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने भी इसके जवाब में पलटवार करते हुए भूपेश सरकार पर सियासी हमला बोल दिया। मचे राजनीतिक बयानबाजियों की सियासी तपिश दिल्ली तक पहुंच गई। जहां दिल्ली में भी छत्तीसगढ़ की सियासी जंग छिड़ी गई। जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी द्वारा अब तक कथाकथित घोटाले में की गई कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इसके जवाब में बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को भ्रष्टाचार की मंडली करार दे दिया है। खैर आइये जानतें हैं क्या कुछ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने प्रेस कांफ्रेस में कहा-

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ में यही कोशिश हो रही है कि किस प्रकार से छत्तीसगढ़ सरकार को दबाया जाए और बदनाम किया जाए। चाहे वह राजनेता हो या पार्टी का कार्यकर्ता हो, पदाधिकारी हो या फिर अधिकारी हो या कर्मचारी हो। ये सिलसिला शुरू होता है जुलाई 2020 से झारखंड चुनाव में बुरी तरह मात खाने के बाद इन लोगों ने इसकी शुरूआत की और आईटी ने रेड डाला, जितने भी जैसे शराब घोटाला के नाम से प्रचारित किया गया। और इस शराब घोटाले में 2019 और 2020 में कैग की रिपोर्ट भी है। वहां उन्होंने जांच भी की। उसके बाद वो ढाई साल तक चुप रहे।

चुनाव नजदीक अाते ही जब तक सारे कागजात ईडी को सौंप दिया गया था, इसके फिर ईडी सक्रिय होती है और फिर उन्हीं लोगों को बुलाते हैं और ईडी द्वारा कहा जाता है कि 2168 करोड़ रुपए के घोटाले हुए हैं। इसमें ये भी कहा गया कि नकली होलोग्राम का प्रयोग किया गया। लेकिन सबसे मजेदार बात ये है यदि नकली होलोग्राम का प्रयोग हुआ, तो जो डिस्टलर हैं, वहीं तो होल ग्राम बनाएगा, उसकी फैक्ट्री में होगा। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन बचत लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई। उसके घर में ज्वैलरी भी पाए, नकद रुपए भी पाए। किसी को जब्त नहीं किया गया। और ईडी द्वारा कहा गया कि 2168 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। और चल-अचल संपत्ति 2018 के पहले की जब्त करने के बाद भी 200 करोड़ की संपत्ति जब्त नहीं की गई। जबकि उस दौरान 2018 में जब हमारी सरकार बनी, उसके पहले जो रेव्यनू आबकारी की है, वो 39 सौ करोड़ की थी। कहा, अब वह बढ़कर 65 सौ करोड़ हो गया है। और आरोप ये लगाया ईडी के द्वारा कि राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया। जबकि 39 सौ करोड़ से बढ़कर 65 सौ करोड़ हुआ। कहा आज तक ईडी 2168 करोड़ में 200 करोड़ के आसपास वो भी पैतृक संपत्ति और 2018 से पहले अर्जित की आय, उसको जोड़कर भी 200 करोड़ नहीं पहुंचा।

दूसरी बात कोल स्कैम का आरोप लगाया, 500 करोड़ का एफआईआर दर्ज हुआ कर्नाटक में, फिर दर्ज हो गया भोपाल में अब नोएडा में भी हुआ। घोटाला 500 करोड़ लेकिन संपत्ति 150 करोड़ का, अब वो बता नहीं पा रहे।

तीसरी बात उसमें महत्वपूर्ण उसमें अभी जो लगातार उसमें कोशिश की जा रही है कि धान में भी, पैडी में भी स्कैम हुआ। सारे राइस मिल में छापा डाले गए। आईटी के द्वारा अब ईडी घुसेगी। तकलीफ उनको यह है कि किसानों के 160 लाख मीट्रिक टन जो धान है, वह मिलिंग हो गया। कहा,अभी तक उसमें होता ये था, धान बाहर में पड़े रहते थे, जैसे मध्यप्रदेश में खबरें आती थी कि गेंहू बाहर में पड़ा हुआ है और छत्तीसगढ़ में भी खबरें आती थीं कि धान खुले में पड़ा हुआ है और भींग गया, सूख गया और सड़ गया। वो सारे नुकसान हमने बचाए। उनको वही परेशानी है।

कहा, मजेदार बात यह है कि डीएमएफ में भी भारत सरकार द्वारा कोई आईसीआर के वो माइनिंग डॉयरेक्टर को चिट्टी लिखते हैं कि कितना काम हुआ, वो हमको बताएं। उसी प्रकार से एक सवाल एक रजिस्टार से किया जाता है कि जब से हमारी सरकार बनी है, कितनी रजिस्ट्रीयां हुई हैं। वो सारी रजिस्ट्री लाएंगे।

कहा-ईडी अभी ये कर क्या रहे हैं, ये घरों में जाते हैं, सबसे पहले मोबाइल जब्त करते हैं, फिर जो संपत्ति है, रुपया है, ज्वैलरी है, उसको सीज करते हैं। बैंक खाते सीज करते हैं। डायरी वगैरह, यहां कुछ कच्चे में लिखा हो, उसको जब्त करते हैं। घर में वृद्ध माता-पिता हो उनको 5-6 दिन बंधक बनाए रखते हैं। सवाल तो इनके पास होते नहीं। जब तक ऊपर से आदेश नहीं होता तब तक वो खाली नहीं करते। फिर वो राजनीतिक सवाल करना वो शुरू करते हैं, तुम्हारी क्या भूमिका है, तुम किस पार्टी से हो। तुम कितने सीट जीतने वाले हो। इससे क्या होगा, उससे क्या होगा। वो सारे राजनीतिक सवाल भी पूछना शुरू करते हैं।

इसके आगे का बयान विडियो में सुनें——–

बड़े-बड़े घोटाले, घोटाले की दुकान, घोटाले की मंडली, छत्तीसगढ़ की सरकार ने खोला हुआ है और उसका फ्रेंचाइजी भी बाटा हुआ है – संबित पात्रा

जनता को लूटोगे, प्रदेश के पैसे का इस प्रकार से आप लूटखसोट मचाओगे तो जनता के पैसे को बचाने के लिए एजेंसी अपना काम करेगी – संबित पात्रा

वह जमाना बदल गया है जब कांग्रेसियों को लगता था कि भ्रष्टाचार हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है – संबित पात्रा

 भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली में आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जहां तक छत्तीसगढ़ की सरकार है और उनकी छवि है छवि को धूमिल करने के लिए हमारी आवश्यकता नहीं है जिस प्रकार के बड़े-बड़े घोटाले, घोटालों की दुकान, घोटालों की मंडली, छत्तीसगढ़ की सरकार ने खोला हुआ है और उसका फ्रेंचाइजी भी बाटा हुआ है। इन घोटालों का हैडक्वाटर कहां पर है यह तो सभी जानते हैं। उसकी फ्रेंचाइजी भी है तो स्वाभाविक रूप से जब इस प्रकार से भ्रष्टाचार के दुकान खुलेंगे, घोटाले होंगे। चाहे वे सट्टा के घोटाले हो या फिर शराब के घोटाले चाहे कोयला के घोटाले हो तो स्वाभाविक रूप से छींट उनके ऊपर पड़ेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब पेड किए हैं ब्राइब तो होंगे ही रेड, रेड तो होंगे ही, रेड क्यों नहीं होगी? वह जमाना अब लद गया अब वह जमाना बदल गया है जब कांग्रेसियों को लगता था कि भ्रष्टाचार हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अपने चार्जशीट देखा है कि नहीं यह मुझे पता नहीं है आप बताइए जिन लोगों ने चार्जशीट पढ़ा हुआ है यह लगभग 37 पन्नों का चार्जशीट है इस चार्जशीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, जो कि पुलिस का एक अधिकारी है 65 करोड़ रुपए का लेनदेन खुद ही स्वीकार करता है लेकिन वह स्वीकार करते हुए रवि उप्पल जी का नाम लेता है। कौन है यह रवि उप्पल? और बाकी जिनके नाम लेते है विनोद वर्मा कौन है? यह मुख्यमंत्री के खुद के लोग जब उनका नाम चार्जशीट में आता है और खुद यह कन्फेशन स्टेटमेंट में लिया गया है। तो आपको क्या लगता है इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। केवल इतना ही नहीं कोयला घोटाला लगभग 540 करोड़ का उसमें उपसचिव सौम्या चौरसिया का क्या रोल था? सौम्या चौरसिया कौन थी जिनके घर से नोटों का बंडल निकले थे और नोटों के बंडल को आप सभी ने बंधुओ ने टीवी के माध्यम से दिखाया भी था। क्या जब घर से नोटों के बंडल निकलेंगे तो उसे पर कोई कार्यवाही नहीं होगी? सुपर सीएम कौन था? सौम्या चौरसिया कौन थी जो जेल के अंदर है और कौन-कौन से कांग्रेस के कार्यकर्ता जेल के अंदर हैं यह आप सभी जानते हैं। जब इस प्रकार का भ्रष्टाचार होगा तो सख्त कार्यवाही होगी। शराब के घोटाले में 2000 करोड रुपए से भी अधिक का घोटाला हुआ है। दो-दो काउंटर खोल करके वहां हवाला का कांड किया गया है तो स्वाभाविक रूप से कार्यवाही होगी, अगर जनता को लूटोगे, प्रदेश के पैसे का इस प्रकार से आप लूटखसोट मचाओगे तो जनता के पैसे को बचाने के लिए एजेंसी अपना काम करेगी।

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