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रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुमुखी योजना आयुष्मान योजना छत्तीसगढ़ में दम तोड़ते नजर आ रही है प्रधानमंत्री मोदी आयुष्मान योजना के तहत गरीबों को और निचले टपके के लोगों को सुलभ तरीके से इलाज मिल पाए इसको लेकर इस योजना को लागू किया था लेकिन छत्तीसगढ़ कि राजधानी रायपुर के राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल (Ram Krishna Care Hospital) मोदी जी की इस योजना पर पानी फेर दिया है,, इस योजना के तहत गरीब, टपके के लोग इलाज अच्छे से कर पाते हैं, लेकिन इस योजना को को( संदीप दवे ) रामकृष्ण केयर के फाउंडर हैं इन्होंने इस योजना को बंद कर दिया है जिसके कारण अब मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है वही मरिज अब इलाज कराने में असमर्थ है और वह दर – दर की ठोकरे खा रहा है।
डाइलिसिस के मरीजो ने बताया कि….
5 फ़रवरी को अचानक रायपुर के बड़े अस्पताल रामकृष्ण मे मरीजो का इलाज् बंद करने का आदेश दे दिया
जिसका सबसे ज़्यादा असर किडनी के गंभीर मरीजो पर पड़ रहा है जिनका हफ्ते मे 3 बार डायलिसिस होता है उन्हे अस्पताल द्वारा आयुषमान द्वारा इलाज बंद बता के पैसे की डिमांड की जा रही है जबकी डायलिसिस के मरीजो का ब्लड टेस्ट भी फ्री होता है उसका भी हर महीने पैसा मांगा जाता है जहा मरीज पहले से ही अपनी बीमारी से परेशान है और अस्पताल उन्हे मरने क लिए छोड़ रहा है..।
डाइलिसिस के मरीजो ने यह भी बताया कि …।
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के फाउंडर (संदीप दवे) के सामने प्रशासन् भी लाचार दिख है बहुत सी शिकायतें माननीय स्वास्थ मंत्री को एवं मुख्यमंत्री जी से भी की गयी मगर कोई असर नहीं हुआ जबकी केंद्र मे और राज्य मे BJP की सरकार है और ये प्रधानमंत्री की योजना का मजाक बनाया जा रहा है..।
जब डाइलिसिस के मरीजो से बात की गई तो सारी बात बताई की मुख्यमंत्री सहायता कोष से मरीजो ने अपना इलाज स्टार्ट करवाया जो कि सारा फंड शासन हॉस्पिटल को देगा
अब बताया जा रहा हैं कि शासन द्वारा हॉस्पिटल का बैलेंस बाकी है
इसलिए आयुष्मान कार्ड बंद कर दिया गया है। कम से कम 40 से 50 मरीज तो केवल डायलिसिस के है जो हप्ते में 3 बार डाइलिसिस करवाते है उनके पास हर हप्ते का पैसा कहा से आएगा यह सोचने का विषय है। अगर आयुष्मान कार्ड बंद है तो कम से कम मरीजो का इलाज तो जारी रखे।
- संदीप दवे
इस बारे में जब हम रामकृष्ण हॉस्पिटल के संचालक को फोन लगया तो उठाये ही नही और न ही किसी पत्रकार का फोन उठा रहे है।
अब सोचने का विषय यह है कि डायलिसिस के पेशेंट रामकृष्णा हॉस्पिटल में भटक रहे है और आयुष्मान कार्ड से वंचित है। उन मरीजो को फिर से सेवा दी जाएगी यह पूरा मामला भविष्य के गर्भ में है लेकिन छत्तीसगढ़ में चंद महीने बाद लोकसभा चुनाव है एक तरफ केंद्र और राज्य मोदी की योजनाओं का क्रियान्वन करने के लिए बड़े-बड़े आयोजन करके निकले टपके तक फीडबैक लेने की बात कर रही है वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल की मनमानी इन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को नजर नहीं आ रही है आखिर जो मरीज हैं उनके परिजन भी कहीं न कहीं वो भी वोटर हैं आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी को कहीं इसका बड़ा खामियां जा ना भोगना पड़ जाए..।